जब ख़ुद, ख़ुशी से, उम्मीदों की डोर छोड़ कर चलना सीख ले तू, ऐ जलील
Mohamed Nawaz Haindaday – November 2023 (2)
जब दूसरों के ग़लतियों को, या कोताइयों को नज़रअंदाज़ कर लेना सीख ले तू ऐ जलील
यकीनन खुशहाल होगा, पुरसुकून होगी ज़िंदगी
ख़ुद की राह अकेले चलने से कोई रोक तब होगी नहीं कोई
एक वक़्त तक ही साथ देता है कोई किसी का
चाहे औलाद हो या अपना और कोई
हर किसी का मुक़द्दर उसका होता है, जुड़ा नहीं तुझसे कभी
मत सोच ज़्यादा, रुक नहीं अब और
वक़्त किसी के लिए ठहरता नही, वक़्त निकल जाए तो कोई और भी साथ देगा नहीं

