कौन कहता है के ख़त्म होती हैं परेशानियाँ , शुकर करना ये है के क़ुवत है हम में कर गुज़र जाने की

और बढ़ने की हैं मुश्कीलात, हर नया मोड़ जब लेती है ज़िंदगी, क्यों ग़म लेता है तू ऐ जलील, तुझको तेरी परछाई बेहतर समझती है, काबिल तुझसे

मोहम्मद नवाज़ (जलील) Haindaday جلیل

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